सार लेखन
सार लेखन
किसी विषय पर बहुत कम शब्दों में लिखने को सार लेखन कहते हैं। अर्थात किसी विषय पर कम-से-कम शब्दों में अपनी बात व्यक्त करना सार लेखन कहलाता है। आज के समय में लोगों के पास इतना समय नहीं है कि वह किसी विषय पर विस्तारपूर्वक पढ़ें। अतः सार के माध्यम से संक्षिप्त रूप में अपनी बात व्यक्त करना ही सरल माना जाता है। इसके अंदर अनुच्छेद तथा लेख के अंदर आने वाली अनावश्यक बातों, उदाहरणों आदि को हटा दिया जाता है। सार लेखन बच्चों की लेखन क्षमता को बढ़ाता है, उनके विचारों में स्पष्टता लाता है तथा उनके विचारों को विकसित करता है। अतः यह विधा विद्यार्थियों के लिए बहुत आवश्यक है। इससे उनका लेखन प्रभावशाली तथा स्पष्ट बनता है। सार लेखन के लिए निम्नलिखित बिन्दुओं पर ध्यान देना आवश्यक है।–
1. सार लेखन हमेशा विषय के मूल भावों पर आधारित होना चाहिए…
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