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टोपी

पाठ का सार और प्रतिपाद्य -

प्रस्तुत कहानी 'टोपी' के लेखक 'संजय' है। कहानी में टोपी इज़्ज़त तथा मान प्रतिष्ठा का प्रतीक है। गवरा और गौरैया के माध्यम से लेखक ने एक महत्वपूर्ण मुद्दे को स्पष्ट करने का प्रयास किया है। एक दिन गवरा और गौरैया के बीच टोपी और कपड़े के प्रसंग पर बहस शुरु हो गई। गौरैया ने अपनी समझ और आवश्यक्ता के अनु…

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