NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 10 झाँसी की रानी are provided here with simple step-by-step explanations. These solutions for झाँसी की रानी are extremely popular among Class 6 students for Hindi झाँसी की रानी Solutions come handy for quickly completing your homework and preparing for exams. All questions and answers from the NCERT Book of Class 6 Hindi Chapter 10 are provided here for you for free. You will also love the ad-free experience on Meritnation’s NCERT Solutions. All NCERT Solutions for class Class 6 Hindi are prepared by experts and are 100% accurate.

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Question 1:

'किंतु कालगति चुपके-चुपके काली घटा घेर लाई

() इस पंक्ति में किस घटना की ओर संकेत है?

() काली घटा घिरने की बात क्यों कही गई है?

Answer:

() इस पंक्ति में लेखिका ने झाँसी के राजा गंगाधर राव की आकस्मिक मृत्यु के कारण रानी के विधवा होने की ओर संकेत किया है।

() इस पंक्ति में लेखिका ने रानी के सुख पर दुःख की छाया को दर्शाया है।

राजा गंगाधर राव की आकस्मिक मृत्यु से उनके जीवन में दुःखों का पहाड़ टूट गया था। एक तो उनके सुहाग को काल ने अपना ग्रास बना लिया दूसरा राजा के मरते ही झाँसी लावारिस हो गई। निसंतान राजा की मृत्यु ने अंग्रेज़ों को झाँसी पर कब्ज़ा करने का सुअवसर दे दिया। जिससे रानी पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा।

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Question 2:

कविता की दूसरी पंक्ति में भारत को 'बूढ़ा' कहकर और उसमें 'नई जवानी' आने की बात कहकर सुभद्रा कुमारी चौहान क्या बताना चाहती हैं?

Answer:

लेखिका के अनुसार उस समय भारत गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था। उसकी दशा शिथिल और जर्जर हो चुकी थी। अंग्रेज़ धीरे-धीरे पूरे भारत को अपना गुलाम बनाने पर लगे हुए थे। परन्तु उस गुलामी को स्वीकार करने वाली और आज़ादी का बिगुल बजाने वाली झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेज़ों के विरूद्ध अपनी तलवार खींच ली। उनकी इसी वीरता ने सब के मन में एक नया उत्साह भर दिया था कि एक स्त्री अंग्रेज़ों का सामना करने के लिए तैयार है तो फिर क्यों ना हम स्वयं इस गुलामी के विरूद्ध आवाज़ उठाए। तब इस गुलामी की बेड़ियों में जकड़े हुए भारत (बूढ़े भारत) में रानी लक्ष्मी ने नया उत्साह और वीरता फूँक दी; (नई जवानी दी) जिसने सन्‌ अठारह सौ सत्तावन में अंग्रेज़ों के छक्के छुड़ा दिए।

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Question 3:

झाँसी की रानी के जीवन की कहानी अपने शब्दों में लिखो और यह भी बताओ कि उनका बचपन तुम्हारे बचपन से कैसे अलग था?

Answer:

झाँसी की रानी के बचपन का नाम छबीली था उनका बचपन शस्त्र चलाने, घुड़सवारी सीखने, युद्ध कला सीखने में बीता। उन्होनें यह शिक्षा नाना के साथ प्राप्त की, जब वह कुछ बड़ी हुई तो उनका विवाह झाँसी के राजा गंगाधर राव से हो गया। परन्तु जल्द ही राजा की आकस्मिक मृत्यु ने रानी को विधवा बना दिया। राजा के संतानहीन होने का लाभ उठाकर उनकी मृत्यु के पश्चात्‌ अंग्रेज़ों ने झाँसी पर अधिकार जमाने का प्रयास किया। परन्तु रानी ने इसका विरोध किया और अंग्रेज़ों के विरूद्ध अपनी तलवार खींच ली। और इसी स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेज़ों के साथ लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुई और भारतीय इतिहास में वीरांगना कहलाई। रानी का बचपन, हमारे बचपन से कई मायने में अलग था। उन्होनें गुड्डे गुड़ियों से न खेलकर तीर, तलवार, भाला, बरछी चलाना सीखा जिससे आगे चलकर रानी का गौरवपूर्ण इतिहास बना।

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Question 4:

वीर महिला की इस कहानी में कौन-कौन से पुरुषों के नाम आए हैं? इतिहास की कुछ अन्य वीर स्त्रियों की कहानियाँ खोजो।

Answer:

रानी की इस कहानी में निम्नलिखित वीर पुरूषों के नाम हैं :- नाना धुंधूपंत, अहमदशाह मौलवी, ताँत्या टोपे, अजीमुल्ला, ठाकुर कुँवरसिंह आदि।

इतिहास में कुछ वीर स्त्रियाँ हैं:- कित्तूर की रानी चेनम्मा, श्रीमति इंदिरा गाँधी, सरोजनी नायडू आदि।



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Question 1:

कविता में किस दौर की बात है? कविता से उस समय के माहौल के बारे में क्या पता चलता है?

Answer:

कविता में सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौर की बात कही गई है। इस स्वतंत्रता संग्राम में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उस समय के माहौल के बारे में यह पता चलता है कि हमारा देश गुलाम था। अंग्रेज़ों ने हमारे देश पर बर्बरतापूर्वक शासन किया। लोगों के मन में देशप्रेम की ज्वाला भड़क रही थी। वे आजादी पाने के लिए लालायित थे। सभी ने इस स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया।

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Question 2:

सुभद्रा कुमारी चौहान लक्ष्मीबाई को 'मर्दानी' क्यों कहती हैं?

Answer:

रानी लक्ष्मीबाई एक साहसी योद्धा थीं। वीरता, साहस, हिम्मत, ताकत, युद्ध कौशल, घुड़सवारी तलवारबाज़ी ये सभी मर्दों वाले गुण उनमें विद्यमान थे। रानी लक्ष्मीबाई ने वीर सेनापतियों की तरह अंग्रेजों से युद्ध किया और झाँसी की रक्षा करती रही। उनके व्यक्तित्व में साहस भरा था। इसलिए कवयित्री ने उन्हें ‘मर्दानी’ कहा है।



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