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लोकगीत

पाठ का सार / प्रतिपाद्य -

प्रस्तुत पाठ 'लोकगीत' के लेखक 'भगवतशरण उपाध्याय' जी हैं। लोकगीत लोगों द्वारा बनाए गए गीत हैं। जिसका सीधा संबंध उनकी भावनाओं से है। लोकगीतों को गाने के लिए किसी संगीत साधना की ज़रूरत नहीं होती है। अलग-अगल अवसरों के लिए अगल-अलग प्रका…

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