Board Paper of Class 10 2009 Hindi Delhi(SET 1) - Solutions
(ii) चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खण्ड के उत्तर क्रमश: दीजिए।
- Question 1
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
जहाँ भी दो नदियाँ आकर मिल जाती हैं, उस स्थान को अपने देश में तीर्थ कहने का रिवाज़ है। और यह केवल रिवाज़ की बात नहीं है; हम, सचमुच, मानते हैं कि अलग-अलग नदियों में स्नान करने से जितना पुण्य होता है, उससे कहीं अधिक पुण्य संगम स्नान में है। किन्तु, भारत आज जिस दौर से गुज़र रहा है, उसमें असली संगम वे स्थान, वे सभाएँ तथा वे मंच हैं, जिन पर एक से अधिक भाषाएँ एकत्र होती हैं। नदियों की विशेषता यह है कि वे अपनी धाराओं में अनेक जनपदों का सौरभ, अनेक जनपदों के आँसू और उल्लास लिए चलती हैं और उनका पारस्परिक मिलन वास्तव में नाना जनपदों के मिलन का ही प्रतीक है। यही हाल भाषाओं का भी है। उनके भीतर भी नाना जनपदों में बसने वाली जनता के आँसू और उमंगें, भाव और विचार, आशाएँ और शंकाएँ समाहित होती हैं। अत: जहाँ भाषाओं का मिलन होता है, वहाँ वास्तव में, विभिन्न जनपदों के हृदय ही मिलते हैं, उनके भावों और विचारों का ही मिलन होता है तथा भिन्नताओं में छिपी हुई एकता वहाँ कुछ अधिक प्रत्यक्ष हो उठती है। इस दृष्टि से भाषाओं के संगम आज सबसे बड़े तीर्थ हैं और इन तीर्थों में जो भी भारतवासी श्रद्धा से स्नान करता है, वह भारतीय एकता का सबसे बड़ा सिपाही और संत है।
हमारी भाषाएँ जितनी ही तेज़ी से जगेंगी, हमारे विभिन्न प्रदेशों का पारस्परिक ज्ञान उतना ही बढ़ता जाएगा। भारतीय लेखकों की बहुत दिनों से यह आकांक्षा रही थी कि वे केवल अपनी ही भाषा में प्रसिद्ध होकर न रह जाएँ, बल्कि भारत की अन्य भाषाओं में भी उनके नाम पहुँचें और उनकी कृतियों की चर्चा हो। भाषाओं के जागरण के आरंभ होते ही एक प्रकार का अखिल भारतीय मंच आप-से-आप प्रकट होने लगा है। आज प्रत्येक भाषा के भीतर यह जानने की इच्छा उत्पन्न हो गई है कि भारत की अन्य भाषाओं में क्या हो रहा है, उनमें कौन-कौन ऐसे लेखक हैं जिनकी कृतियाँ उल्लेखनीय हैं तथा कौन-सी विचारधारा वहाँ प्रभुसत्ता प्राप्त कर रही है।(i) लेखक ने आधुनिक संगम स्थल किसको माना है और क्यों? (2)
(ii)भाषा-संगमों में भारत की किन विशेषताओं का संगम होता है? (2)
(iii)लेखक ने सबसे बड़ा सिपाही और सन्त किसको कहा है? (1)
(iv) अलग-अलग प्रदेशों में आपसी ज्ञान किस प्रकार बढ़ सकता है? (1)
(v)स्वराज्य-प्राप्ति के उपरान्त विभिन्न भाषाओं के लेखकों में क्या जिज्ञासा उत्पन्न हुई? (1)
(vi)भाषाओं के जागरण से लेखक का क्या अभिप्राय है? (1)
(vii)गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक दीजिए। (1)
(viii)निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी बताइए – (1)
सौरभ, आकांक्षा
(ix) 'उल्लेखनीय' तथा 'पारस्परिक' शब्दों में से प्रत्यय अलग कीजिए। (1)
(x)निम्नलिखित शब्दों के विपरीतार्थी बताइए – (1)
भिन्नता, प्रत्यक्ष
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- Question 2
निम्नलिखित काव्यांशों में से किसी एक को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए–
वीर जवानों, सुनो, तुम्हारे सम्मुख एक सवाल है।
जिस धरती को तुमने सींचा
अपने खून-पसीनों के,
हार गई दुश्मन की गोली
वज्र सरीखे सीनों से।
जब-जब उठीं तुम्हारी बाँहें, होता वश में काल है।
जिस धरती के लिए सदा
तुमने सब कुछ कुर्बान किया,
शूली पर चढ़-चढ़ हँस-हँस कर
कालकूट का पान किया।
जब-जब तुमने कदम बढ़ाया, हुई दिशाएँ लाल हैं।
उस धरती को टुकड़े-टुकड़े
करना चाह रहे दुश्मन,
बड़े गौर से अजब तुम्हारी
चुप्पी थाह रहे दुश्मन,
जाति-पाँति, वर्गों-फिरकों के, वह फैलाता जाल है।
कुछ देशों की लोलुप नज़रें
लगी तुम्हारी ओर हैं,
कुछ अपने ही जयचंदों के
मन में बैठा चोर है।
सावधान कर दो उसको जो पहने कपटी खाल है।(i) 'धरती' शब्द से कवि का क्या अभिप्राय है? उसके लिए वीरों ने क्या किया है?
(ii) 'धरती' के दुश्मन कौन हैं? वे किन रूपों में उसके टुकड़े करना चाहते हैं?
(iii) 'अपने ही जयचंदों' से क्या तात्पर्य है? उसके मन में कौन-सा चोर बैठा हुआ है?
(iv) 'सावधान कर दो उसको जो पहने कपटी खाल है' पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
अथवा
ऋषि-मुनियों, साधु-सन्तों को
नमन, उन्हें मेरा अभिनन्दन।
जिनके तप से पूत हुई है
भरत देश की स्वर्णिम माटी
जिनके श्रम से चली आ रही
युग-युग से अविरल परिपाटी।
जिनके संयम से शोभित है
जन-जन के माथे पर चंदन।
कठिन आत्म-मंथन के हित
जो असि-धारा पर चलते हैं
पर-प्रकाश हित पिघल-पिघल कर
मोम-दीप-सा जलते हैं।
जिनके उपदेशों को सुनकर
सँवर जाए जन-जन का जीवन।
सत्य-अहिंसा जिनके भूषण
करूणामय है जिनकी वाणी
जिनके चरणों से है पावन
भारत की यह अमिट कहानी।
उनके ही आशीष, शुभेच्छा,
पाने को करता पद-वंदन।(i) भारत के ऋषि-मुनियों ने भारत को किन-किन रूपों में स्वर्णिम बनाया है?
(ii) कठिन आत्म-मंथन के हित, जो असि धारा पर चलते हैं काव्यांश का आशय स्पष्ट कीजिए।
(iii) दूसरों के लिए मोम-दीप-सा जलने का क्या तात्पर्य है?
(iv) ऋषि-मुनि किन विशेषताओं के कारण वंदनीय हैं?
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- Question 3
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिए –
(क) आपने कुछ दिन पूर्व अपनी मनचाही टी-20 टीम का रोमांचक मैच देखा है। उस मैच का आँखों-देखा वर्णन करते हुए उसकी जय-पराजय की अनुभूतियों को अपने शब्दों में प्रस्तुत कीजिए।
(ख) परिवहन की दिन-प्रतिदिन की कठिनाइयों से छुटकारा पाने के लिए सीमित आय का व्यक्ति एक वाहन खरीद लेता है। किंतु आकाश को छूती पेट्रोल की कीमतों के कारण अब उसके लिए वाहन का रख-रखाव दूभर कार्य हो गया है। ऐसी स्थिति में फँसे उस व्यक्ति की कठिनाइयों का वर्णन कीजिए।
(ग) टेलीविज़न एकाकीपन का साथी, मनोरंजन का साधन और ज्ञानवर्धक माध्यम है, किन्तु उसका व्यसन शरीर और मन दोनों के लिए हानिकारक भी है। इस विषय पर आप क्या सोचते हैं? अपने विचार निबंध के रूप में लिखिए।
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- Question 10
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
हमारैं हरि हारिल की लकरी।
मन क्रम वचन नंद-नंदन उर, यह दृढ़ करि पकरी।
जागत सोवत स्वप्न दिवस-निसि, कान्ह-कान्ह जकरी।
सुनत जोग लागत है ऐसौ, ज्यौं करूई ककरी।
सु तौ व्याधि हमकौ ले आए, देखी सुनी न करी।
यह तौ 'सुर' तिनहिं लै सौंपौ, जिनके मन चकरी।।(i) गोपियों ने श्रीकृष्ण को हारिल की लकड़ी क्यों कहा है? उन्होंने इस लकड़ी को किस तरह पकड़ा हुआ है?
(ii) गोपिकाओं को योग का उपदेश कैसा लगता है और क्यों?
(iii) गोपियाँ किसे व्याधि मानती हैं? उसे किसे सौंपने का परामर्श देती हैं?
अथवा
मधुप गुनगुनाकर कह जाता कौन कहानी यह अपनी,
मुरझाकर गिर रहीं पत्तियाँ देखो कितनी आज घनी।
इस गंभीर अनन्त-नीलिमा में असंख्य जीवन-इतिहास
यह लो, करते ही रहते हैं अपना व्यंग्य-मलिन उपहास
तब भी कहते हो – कह डालूँ दुर्बलता अपनी बीती।(i) कवि ने मधुप के रूप में किसकी कल्पना की है? वह गुनगुनाकर क्या कह रहा है?
(ii) मुरझाकर गिरती हुई पत्तियाँ किस तथ्य की ओर संकेत कर रही हैं?
(iii) 'गंभीर अनंत नीलिमा' से कवि का क्या अभिप्राय है? उसमें जीवन के असंख्य इतिहास लिखे जाने का क्या तात्पर्य है?
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- Question 11
निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन के उत्तर दीजिए – (3 + 3 + 3)
(क) परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए क्या-क्या तर्क दिए? राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद के आधार पर उत्तर दीजिए।
(ख) 'उत्साह' कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है?
(ग) 'कन्यादान' कविता में माँ ने बेटी को क्या-क्या सीखें दीं? आप किसे सबसे महत्त्वपूर्ण सीख मानते हैं और क्यों?
(घ) 'संगतकार' की क्या भूमिका होती है? कवि समाज के किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर संकेत कर रहा है?
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- Question 17
निम्नलिखित प्रश्नों में से किसी एक का उत्तर दीजिए –
(क) 'माता का आँचल' पाठ में बच्चे का अपने पिता से अधिक लगाव है किन्तु विपदा के समय वह पिता के पास न जाकर माँ की शरण में ही जाता है। इसका कारण स्पष्ट कीजिए।
(ख) 'जार्ज पंचम की नाक' लगाने को लेकर जो चिन्ता और बदहवासी देखने को मिलती है, वह सरकारी तंत्र की किस मानसिकता को दर्शाती है? क्या आप उसे तर्कसंगत ठहराएँगे?
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